प्राक्कथन
भारतीय संविधान के 97वें संविधान संशोधन अधिनियम 2011 द्वारा जोडें गये अनुच्छेद 19 (ग) में भारत के सभी नागरिकों को संगम या संघ के साथ-साथ सहकारी समिति बनाने का मूल अधिकार अंतः स्थापित किया गया। संविधान के अनुच्छेद 43 (ख) में राज्य सहकारी समिति के ऐच्छिक गठन, स्वायत्त कार्यवाही, लोकत्रांत्रिक नियंत्रण और व्यावसायिक प्रबन्धन में वृद्धि करने
हेतु राज्य सरकार के लिए नीति निदेशक तत्व निर्धारित किये गये है। संविधान में जोडें गये भाग 9(ख) में सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा प्रदान करते हुए अनुच्छेद 243-यट (2) में व्यवस्था कि गयी कि सहकारी समिति के सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचक नामावली की तैयारी तथा उसके संचालन का अधीक्षण, निदेशन तथा नियंत्रण राज्य विधान मण्डल द्वारा विधि द्वारा यथा उपबन्धित ऐसे प्राधिकारी अथवा निकाय में निहित होगा, जैसा कि राज्य विधान मण्डल विधि द्वारा निर्वाचन के संचालन के लिए प्रक्रिया और दिशानिर्देश का प्राविधान करें।
भारतीय संविधान के 97वें संषोधन के सुसंगत उत्तर प्रदेष राज्य ने उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-13/2013 जो दिनांक 15 फरवरी 2013 से प्रभावी है के द्वारा उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 में महत्वपूर्ण संशोधन किये गये। जिसके अन्तर्गत सहकारी समितियों की प्रबन्ध कमेटी में लोकत्रांत्रिक स्वरूप और आरक्षण मानक सुनिश्चित करते हुए सहकारी प्रबन्ध समिति का कार्यकाल 5 वर्श निर्धारित किया गया और सहकारी समितियों की प्रबन्ध समिति के निर्वाचन की व्यवस्था के अन्तर्गत धारा 29(3) में संशोधन करके प्रत्येक सहकारी समिति की प्रबन्ध समिति का पुनर्गठन करने के लिए निर्वाचन, उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग के अधीक्षण, नियंत्रण और निर्दे शोके अधीन विहित रीति से करने की व्यवस्था की गयी।
उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम-1965 में उपर्युक्त संशोधन के अनुक्रम में उत्तर प्रदेश सहकारी समिति नियमावली-1968 में 49वें संशोधन दिनांक 1 अगस्त 2013 द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग का गठन करते हुए त्रिसदस्यीय आयोग का स्वरूप निर्धारित किया गया। जिसके अनुसार आयोग में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं दो निर्वाचन आयुक्तों का प्राविधान किया गया। उक्त के अन्तर्गत नियम-466 की व्यवस्था अनुसार राज्य सरकार द्वाराश्री गंगादीन यादव सेवानिवृत्त प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन को प्रथममुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा श्री एल0एम0 चैबे सेवानिवृत्त अपर निबन्धक सहकारिता को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया।
राज्य सहकारी निर्वाचन आयोगदस विभागों यथा सहकारिता, दुग्ध, गन्ना आवास, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग, मत्स्य, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग एवं खादीएवं ग्रामोद्योग में पंजीकृत सहकारी समितियों के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिए सदैव तत्पर, प्रयासरत एवं दृढ़संकल्प है।